पाकिस्तानी सेना के आधुनिक ऐप के जरिए पहलगाम में आतंकियों ने खेला खूनी खेल

नई दिल्ली। पहलगाम में पाक सेना से ट्रेंड और हाइटेक आतंकियों द्वारा टूरिरस्टों पर किए हमले ने आम जानता का खून खौला दिया है । आतंकियों द्वारा आधुनिक ऐप के ज़रिए ही पहलगाम के उस टूरिस्ट स्पॉट पर पहुंच कर खूनी खेल खेला गया । अन्यथा घने जंगलों में उस स्थान तक पहुंचना नामुमकिन था । यह ऐप पाकिस्तानी सेना द्वारा प्रयोग किया जाता है। सूत्रों के अनुसार आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए विशेष तैयारी के साथ आया था ।

खुफिया सूत्रों के अनुसार पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसी आईएसआई की मदद से ये आतंकी हमले करने में कामयाव रहे। हमले को लेकर तड़के को देखते हुए खुफिया और जाँच एजेंसियों को लगता है कि इन आतंकियों को सेना और आईएसआई द्वारा ट्रेनिंग दी गई। पहलगाम में आतंकी हमले के वाद आतंकियों के गिरेवान तक पहुंचने के लिए जांच एजेंसियों ने अपनी जांच शुरू कर दी है। हमले को लेकर लगातार नए खुलासे भी हो रहे है।

खुफिया सूत्रों से जानकारी मिली है कि इन आतंकवादियों के पास एक खास मोवाइल ऐप था जिसका इस्तेमाल कर ये पहलगाम के घने जंगलों से होते हुए वैसरन इलाके तक पहुंचने में कामयाव रहे। जहाँ आतंकियों ने धर्म पूछकर पर्यटकों को गोली मारी और लोगों की जान चली गई। खुफिया सुरक्षा एजेंसी से जुड़े सूत्रों के मुताविक आतंकवादियों ने पहलगाम के घने जंगलों में टूरिस्ट स्पाट तक पहुंचने के लिए अल्पाइन क्वेस्ट ऐप्लीकेशन का इस्तेमाल किया था ।

इससे पहले जम्मू के जंगलों में भी आतंकी वारदात को अंजाम देने के लिए आतंकवादियों ने इस ऐप का इस्तेमाल किया था। सूत्रो के अनुसार खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता से उस ऐप की ट्रैकिंग की भी गई जिससे वचने के लिए आंतकवादियों ने इसका इस्तेमाल पहलगाम के जंगलों में किया गया। सूत्रों के मुताविक आतंकवादी इस इंक्रिप्टेड एप्लीकेशन के जरिए उस टूरिस्ट स्पॉट पर पहुंचने में कामयाव रहे जहां पर पर्यटकों की बहुत ज्यादा भीड़ थी।

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आतंकी हमले के वाद इस मामले की जांच कर रही जांच एजेंसियों के मुताविक भारतीय खुफिया एजेंसी की ट्रैकिंग से वचने के लिए पाकिस्तानी सेना ने इनकी मदद की थी। पाकिस्तान सेना की शह पर वाकायदा इस मोवाइल ऐप को तैयार किया गया था। खुफिया सूत्रों के अनुसार वॉर्डर पार हैडलर ने दी ट्रेनिंग गई । यही नहीं मोवाइल ऐप बनाने के वाद इसके इस्तेमाल को लेकर ट्रेनिंग भी दी गई। आतंकवादियों को इस ऐप का कैसे इस्तेमाल करना है इसकी पेशेवर टेनिंग वॉर्डर पार उनके हैंडलर की ओर से दी गई।

खास बात यह है कि पहलगाम आतंकी हमले में शामिल सारे आतंकियों को भी इस ऐप को चलाने की ट्रेनिंग दी गई थी, इससे पहले खुफिया एजेंसियों को यह जानकारी हाथ लगी थी कि पहलगाम हमला लश्कर-ए- तैयवा और जैश-ए-मोहम्मद की साझी साजिश है । ये आतंकी संगठन पाकिस्तानी सेना और पाकिस्तान खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर छोटे-छोटे हिट स्क्वॉड’ का इस्तेमाल कर आतंकी हमले कर रहे हैं ।

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